Not known Facts About ऑफिस में करें ये काम बने रहेंगे स्वस्थ

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खादर ने श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर कॉलेज (एसडीएम) से बीए एलएलबी किया। उनको बाइकिंग और कार रेसिंग का शौक है। उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। एक खेल प्रेमी, खादर जुनून के साथ क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, हॉकी और टेनिस खेल खेलते हैं।

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जैसे ही आप पर ऑफिस के काम की चिंता बढ़ने लगे, वैसे ही एक छोटा-सा ब्रेक लें। इस ब्रेक में अपनी हथेलियों, पीठ, कंधों, गर्दन या सिर पर हल्की-सी मसाज कर लें। इससे शरीर की मांसपेशियां रिलैक्स होंगी और चिंता थोड़ी कम हो जाएगी।

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दूसरे तरीके से ईगल पोज का अभ्यास करने के लिए आप समतल जगह पर खड़े हो जाएं। 

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"वर्कोहलिक''। इसे हिन्दी में काम का नशा या काम की धुन कहा जा सकता है। इसके तहत व्यक्ति बस काम ही काम में डूबा रहता है। इस तरह का भूत उस पर सवार रहता है जिसके कारण वह जिंदगी से कटता चला जाता है। अब तो विज्ञान ने भी सिद्ध किया है कि एक ही चीज के पीछे पड़े रहना हमें अन्य बातों के प्रति नीरस बना देता है, जिससे जीवन के अंतिम वर्ष यातना भरे हो सकते हैं। माना कि काम करना जीवन चलाने के लिए जरूरी है। काम नहीं करेंगे तो हमारे दायित्वों को कौन पूरा करेगा, मगर शरीर से काम ही काम करवाते रहेंगे तो थकान आने लगेगी। इसी थकान को दूर करने के लिए विश्राम भी जरूरी है। हर व्यक्ति के लिए आराम के मायने अलग-अलग होते हैं। कई लोग सोचते हैं कि ढेर सारी धन-दौलत हो तो जिंदगी बड़े मजे से कटेगी। कोई टेंशन नहीं होगा, बस आराम ही आराम। पर मनोवैज्ञानिकों के अनुसार आराम का अर्थ तनावरहित जिंदगी है। देखें कि इस अस्त-व्यस्त दिनचर्या, काम की दौड़ा-दौड़ी और दिमाग के पस्त होने जैसी समस्याओं से कैसे निपटा जाए।

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